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गरीब बच्चों को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले गुरु जी को पद्मश्री के लिये उठी आवाज | #TEJASTODAY

गरीब बच्चों को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले गुरु जी को पद्मश्री के लिये उठी आवाज | #TEJASTODAY

गरीब बच्चों को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले गुरु जी को पद्मश्री के लिये उठी आवाज | #TEJASTODAY स्वयं गरीबी में शिक्षाध्ययन करने वाले गुरु जी ने गरीब बच्चों के लिये जगायी अलख 30 वर्षों से चला रहे गुरुकुल से अब तक निकल चुके हैं हजारों अधिकारी व चिकित्सक जौनपुर। समाज व राष्ट्र को शिखर तक ले जाने वाली महाशक्ति ‘शिक्षा‘ की एक अलग अलख जगाने वाले राम अभिलाष पाल (गुरु जी) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। विगत 30 वर्षों से उनकी सानिध्य में रहकर हजारों छात्र-छात्राएं देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में उच्च पद पर रहकर पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे गुरु जी के लिये समाज के तमाम प्रबुद्ध वर्गीय लोगों ने पद्मश्री पुरस्कार के लिये शासन-प्रशासन से मांग किया है। बता दें कि गुरु जी श्री पाल का जन्म वर्ष 1955 में जनपद के बदलापुर तहसील क्षेत्र के बेलासन-कोल्हुआ गांव के एक साधारण परिवार में हुआ है। वह बचपन से ही गरीबी और गरीबों के दर्द का अनुभव किये हैं। अपने पैतृक गांव से कक्षा 8 तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद हाईस्कूल की शिक्षा हेतु लगभग 12 किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे। परिवार की स्थिति इतनी दयनीय रही कि किताब खरीदना बड़ा मुश्किल था। अपने मित्रों की मदद से नोट्स बनाकर वह पढ़ाई करते थे लेकिन हाईस्कूल के बाद पिता जी उन्हें आगे पढ़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पाये लेकिन उनके अन्दर पढ़ने की प्रबल इच्छा थी। फिलहाल ‘जहां चाह-वहां राह‘ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुये वह अपने मित्रों की सहायता से शिक्षा पूर्ण किये। साथ ही वह एक प्रबन्धकीय हाईस्कूल में बतौर दैनिक वेतनभोगी शिक्षक नियुक्त हुये जहां निरन्तर 10 वर्षों तक सेवा देने के उपरांत वह नियमित हो गये। शिक्षक के रुप में नियुक्त होने के बाद उनके मन में एक भाव उत्पन्न हुई कि इस क्षेत्र का कोई भी बच्चा धन के अभाव में शिक्षा से वंचित न रह सके। इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने अपने विद्यालय अवधि के पहले व बाद में एक संकल्पना के तहत शिक्षा दान देना शुरु कर दिया। इसी संकल्पना को लेकर उन्होंने अपने मिशन की शुरुआत वर्ष 1989 से की जिसके चलते जनपद के मछलीशहर तहसील के दो स्थानों पर अपनी संस्था की शुरुआत किया। इन दोनों स्थलों पर प्राकृतिक वातावरण में बहुत ही कम संसाधनों का उपयोग करते हुये वृक्ष की छाया में जमीन पर बैठाकर वह गरीब बच्चों को शिक्षा दान देना शुरु कर दिये। यह शिक्षा आश्रम पद्धति और गुरुकुल परम्परा की याद दिलाने लगी। इस मिशन में गरीब प्रतिभाशाली बच्चों के लिये निःशुल्क कापी, किताब, साइकिल सहित अन्य आवश्यक सामग्री दी जाने लगी। इस मिशन के संचालन के लिये सामर्थ्यवान बच्चों से नाममात्र का शुल्क लिया जाने लगा। यह मिशन जो बिना किसी बाह्य आडम्बर, प्रचार आदि के गुरु जी चुपचाप एकांकी होकर इसकी सफलता के एक-एक ‘मील के पत्थर‘ जोड़ते गये। आज भी उतनी ही ऊर्जा से 65 वर्ष की अवस्था में वह अपने कार्य के प्रति समर्पित हैं। वैसे तो गुरु जी विज्ञान वर्ग के शिक्षक रहे हैं किन्तु वे मानविकी विषयों में भी पारंगत हैं। गुरु जी मछलीशहर के विस्तृत क्षेत्र में निरन्तर 30 वर्षों से बड़े मनोयोग से शिक्षा का दान देते आ रहे हैं। इसी परिश्रम का परिणाम है कि गुरु जी के शिष्य देश के लगभग सभी संस्थानों एवं प्रदेश के सभी जनपदों में छोटे या बड़े पद पर आसीन हैं। गुरु जी के सफल अभ्यर्थियों की सूची नाम, सत्र और किस पद पर कार्यरत हैं, गुरुकुल में शिलांकित है। ये शिष्य आईएएस, पीसीएस, आईआईटी, डाक्टर्स (एम्स दिल्ली एवं पीजीआई लखनऊ) जैसे क्षेत्रों में कार्यरत रहते हुये राष्ट्र सेवा प्रदान कर रहे हैं। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर असिस्टेंट प्रोफेसर्स, मेडिकल अफसर, हजारों इंजीनियर, शिक्षक, सेना अधिकारी सहित अन्य पदों पर कुल मिलाकर 3 हजार से अधिक हैं। उनके शिष्य रहे न्यूरोसाइक्याट्री डा. हरिनाथ यादव जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बताते चलें कि गुरु जी श्री पाल ने वर्तमान की कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान अपने सामर्थ्यवान शिष्यों की मदद से गरीब, आदिवासी एवं वंचित समुदाय के परिवारों को चिन्हित करके उन्हें पेट भरने के लिये आवश्यक सामग्रियों सहित अन्य जरुरी सामानों का वितरण करते आ रहे हैं जो गुरु जी की सहृदयता का प्रमाण है। उनकी इसी सेवा भाव, सहयोग, तपस्या, परिश्रम आदि को देखते हुये जनपद के अलावा अन्य जगहों के तमाम सम्भ्रांत लोगों ने शासन-प्रशासन से गुरु जी राम अभिलाष पाल को पद्मश्री पुरस्कार देने की मांग किया है।

स्वयं गरीबी में शिक्षाध्ययन करने वाले गुरु जी ने गरीब बच्चों के लिये जगायी अलख

30 वर्षों से चला रहे गुरुकुल से अब तक निकल चुके हैं हजारों अधिकारी व चिकित्सक

जौनपुर। समाज व राष्ट्र को शिखर तक ले जाने वाली महाशक्ति ‘शिक्षा‘ की एक अलग अलख जगाने वाले राम अभिलाष पाल (गुरु जी) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। विगत 30 वर्षों से उनकी सानिध्य में रहकर हजारों छात्र-छात्राएं देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में उच्च पद पर रहकर पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे गुरु जी के लिये समाज के तमाम प्रबुद्ध वर्गीय लोगों ने पद्मश्री पुरस्कार के लिये शासन-प्रशासन से मांग किया है।

बता दें कि गुरु जी श्री पाल का जन्म वर्ष 1955 में जनपद के बदलापुर तहसील क्षेत्र के बेलासन-कोल्हुआ गांव के एक साधारण परिवार में हुआ है। वह बचपन से ही गरीबी और गरीबों के दर्द का अनुभव किये हैं। अपने पैतृक गांव से कक्षा 8 तक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद हाईस्कूल की शिक्षा हेतु लगभग 12 किलोमीटर पैदल चलकर जाते थे। परिवार की स्थिति इतनी दयनीय रही कि किताब खरीदना बड़ा मुश्किल था। अपने मित्रों की मदद से नोट्स बनाकर वह पढ़ाई करते थे लेकिन हाईस्कूल के बाद पिता जी उन्हें आगे पढ़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पाये लेकिन उनके अन्दर पढ़ने की प्रबल इच्छा थी।

फिलहाल ‘जहां चाह-वहां राह‘ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुये वह अपने मित्रों की सहायता से शिक्षा पूर्ण किये। साथ ही वह एक प्रबन्धकीय हाईस्कूल में बतौर दैनिक वेतनभोगी शिक्षक नियुक्त हुये जहां निरन्तर 10 वर्षों तक सेवा देने के उपरांत वह नियमित हो गये। शिक्षक के रुप में नियुक्त होने के बाद उनके मन में एक भाव उत्पन्न हुई कि इस क्षेत्र का कोई भी बच्चा धन के अभाव में शिक्षा से वंचित न रह सके। इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने अपने विद्यालय अवधि के पहले व बाद में एक संकल्पना के तहत शिक्षा दान देना शुरु कर दिया।

SIMILAR LUBRICANT & GRERSE की तरफ से स्वतंत्रता दिवस एवं गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं | #TEJASTODAY क्या आप लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हैं तो आइए जुड़िये SIMILAR LUBRICANT OIL से कम इन्वेस्टमेंट के साथ ज्यादा मार्जिन का वादा WWW.SIMILARLUBRICANT.COM Customer care +919428173554 +918000640164

इसी संकल्पना को लेकर उन्होंने अपने मिशन की शुरुआत वर्ष 1989 से की जिसके चलते जनपद के मछलीशहर तहसील के दो स्थानों पर अपनी संस्था की शुरुआत किया। इन दोनों स्थलों पर प्राकृतिक वातावरण में बहुत ही कम संसाधनों का उपयोग करते हुये वृक्ष की छाया में जमीन पर बैठाकर वह गरीब बच्चों को शिक्षा दान देना शुरु कर दिये। यह शिक्षा आश्रम पद्धति और गुरुकुल परम्परा की याद दिलाने लगी। इस मिशन में गरीब प्रतिभाशाली बच्चों के लिये निःशुल्क कापी, किताब, साइकिल सहित अन्य आवश्यक सामग्री दी जाने लगी।

वस्त्रदान फाउंडेशन के संस्थापक सुधांशु​ सिंह की तरफ से प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | #TEJASTODAY

इस मिशन के संचालन के लिये सामर्थ्यवान बच्चों से नाममात्र का शुल्क लिया जाने लगा। यह मिशन जो बिना किसी बाह्य आडम्बर, प्रचार आदि के गुरु जी चुपचाप एकांकी होकर इसकी सफलता के एक-एक ‘मील के पत्थर‘ जोड़ते गये। आज भी उतनी ही ऊर्जा से 65 वर्ष की अवस्था में वह अपने कार्य के प्रति समर्पित हैं। वैसे तो गुरु जी विज्ञान वर्ग के शिक्षक रहे हैं किन्तु वे मानविकी विषयों में भी पारंगत हैं। गुरु जी मछलीशहर के विस्तृत क्षेत्र में निरन्तर 30 वर्षों से बड़े मनोयोग से शिक्षा का दान देते आ रहे हैं।

स्वरोजगार के लिये आनलाइन आवेदन आमंत्रित |#TEJASTODAY जौनपुर। साहब सरन रावत उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र ने बताया कि जनपद के युवा/युवतियों को उत्तर-प्रदैश सरकार द्वारा विशेष योजना एम०एस०एम०ई० के अन्तर्गत मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेत आनलाइन आवेदन के लिये पात्रता हाईस्कूल पास एवं आयु सीमा १८ से ४० वर्ष के बीच होनी चाहिए। निर्माण व सेवा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने हेतु ऋण की सीमा १.०० लाख से २५.०० लाख तक है जिसमें आवेदक को २५ प्रतिशत अनुदान/छूट प्रदान की जायेगी। अधिक जानकारी के हेतु तहसीलवार सहायक प्रबन्धक/क्षेत्रीय सहायक शाहगंज व बदलापुर जय प्रकाश, ७००७६३७०६३, सदर व केराकत राजेश राही ९४५०३८८०८७, ७८८०३९६००१ एवं मडियाहूॅ व मछलीशहर राजेश भारती ७३९८२७८६७७, ७००७७२०३५८ से सम्पर्क करें। अन्य जानकारी के लिये किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय आकर सम्पर्क किया जा सकता है।

इसी परिश्रम का परिणाम है कि गुरु जी के शिष्य देश के लगभग सभी संस्थानों एवं प्रदेश के सभी जनपदों में छोटे या बड़े पद पर आसीन हैं। गुरु जी के सफल अभ्यर्थियों की सूची नाम, सत्र और किस पद पर कार्यरत हैं, गुरुकुल में शिलांकित है। ये शिष्य आईएएस, पीसीएस, आईआईटी, डाक्टर्स (एम्स दिल्ली एवं पीजीआई लखनऊ) जैसे क्षेत्रों में कार्यरत रहते हुये राष्ट्र सेवा प्रदान कर रहे हैं। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर असिस्टेंट प्रोफेसर्स, मेडिकल अफसर, हजारों इंजीनियर, शिक्षक, सेना अधिकारी सहित अन्य पदों पर कुल मिलाकर 3 हजार से अधिक हैं। उनके शिष्य रहे न्यूरोसाइक्याट्री डा. हरिनाथ यादव जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष राज यादव की तरफ से प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | #TEJASTODAY

बताते चलें कि गुरु जी श्री पाल ने वर्तमान की कोविड-19 जैसी महामारी के दौरान अपने सामर्थ्यवान शिष्यों की मदद से गरीब, आदिवासी एवं वंचित समुदाय के परिवारों को चिन्हित करके उन्हें पेट भरने के लिये आवश्यक सामग्रियों सहित अन्य जरुरी सामानों का वितरण करते आ रहे हैं जो गुरु जी की सहृदयता का प्रमाण है। उनकी इसी सेवा भाव, सहयोग, तपस्या, परिश्रम आदि को देखते हुये जनपद के अलावा अन्य जगहों के तमाम सम्भ्रांत लोगों ने शासन-प्रशासन से गुरु जी राम अभिलाष पाल को पद्मश्री पुरस्कार देने की मांग किया है।

दाह संस्कार को गई शव को पुलिस ने लिया कब्जे में | #TEJASTODAY पत्नी सहित ससुराली जनों ने लगाया हत्या का आरोप सुरेरी, जौनपुर। बीते रविवार की रात लगभग 8 बजे नेवढ़िया थाना क्षेत्र के दोदापुर गांव निवासी छविनाथ मिश्र के 40 वर्ष पुत्र विनय मिश्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के परिजनों की मानें तो युवक पारिवारिक कलह को लेकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था। वही घटना के बाद मृतक के परिजन बगैर किसी को सूचना दिए मृतक के शव को दाह संस्कार के लिए वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर लेकर पहुंच गए थे। किसी तरह से घटना की सूचना मायके गई पत्नी प्रतिमा को लगी तो उन्होंने घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक जौनपुर सहित जिलाधिकारी जौनपुर को दी, और परिजनों के साथ पत्नी भी मणिकर्णिका घाट पहुंच गई। वही घंटों चले पंचायत के बाद नेवढ़िया पुलिस शव को कब्जे में लेकर थाने पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक की पत्नी प्रतिमा का आरोप है कि परिवार जनों द्वारा युवक की हत्या की गई है, और उसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। वही मृतक के पत्नी का यह भी आरोप है कि जब वह अपने पिता दीनानाथ के साथ सोमवार को तहरीर देने नेवढ़िया थाने पहुची तो थानाध्यक्ष द्वारा फटकार लगाते हुए उन्हें थाने से भगा दिया गया। ग्रामीणों की माने तो मृतक अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहता था, लॉकडाउन के दौरान वह मुंबई से अपने घर आया हुआ था। मृतक की पत्नी रक्षाबंधन के पर्व पर अपने मायके गई हुई थी। मृतक को दो बच्चे हर्षीत 14 वर्ष, अंकिता 8 वर्ष है। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष नेवढ़िया संतोष राय ने बताया कि पत्नी की शिकायत पर मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

पवन शुक्ला की तरफ से स्वतंत्रता दिवस एवं गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं | #TEJASTODAY

राय स्टूडियो एण्ड स्क्रीन प्रिंटिंग प्रेस की तरफ से स्वतंत्रता दिवस एवं गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं | #TEJASTODAY जौनपुर। राय स्टूडियो एण्ड स्क्रीन प्रिंटिंग प्रेस त्रिलोचन महादेव, जलालपुर जौनपुर, हमारे यहां शादी विवाह, बर्थडे, रामायण आदि शुभ अवसर पर कार्ड की छपाई एवं विडियो व फोटोग्राफी की जाती है। जिसमें LCD, क्रेन, ड्रोन, 4K की सुविधा भी उपलब्ध है, और साथ ही करिज्मा एलबम की डिजाइनिंग की जाती है।

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