श्रीकृष्णा रूप सज्जा प्रतियोगिता का हुआ भव्य आयोजन

श्रीकृष्णा रूप सज्जा प्रतियोगिता का हुआ भव्य आयोजन

तेजस टूडे ब्यूरो
बिसवां, सीतापुर। संस्कार भारती बिसवां इकाई के तत्वावधान में ग्राम रामा भारी में श्रीकृष्णा रुप सज्जा प्रतियोगिता कार्यक्रम हुआ। बाबा छोटे लाल बाल विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डा सरला अवस्थी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण 16 कलाओं से संपन्न थे। उनका संपूर्ण जीवन हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके द्वारा प्रदत्त गीता का उपदेश लोक कल्याणकारी है। विशिष्ट अतिथि लता श्रीवास्तव पूर्व जुडीशियल मजिस्ट्रेट ने कहा कि कृष्ण के रूप में बच्चों को सजाने से उनके अंदर संस्कार शीलता बढ़ती है। उन्होंने संस्कार भारती की सराहना करते हुए गांव गांव में ऐसे कार्यक्रम कराने पर बल दिया। विशिष्ट अतिथि राजेन्द्र प्रकाश वर्मा, राम गोपाल वर्मा, राहुल अग्रवाल ने भी संबोधित किया।
निर्णायक की भूमिका का निर्वाह करते हुए होम्योपैथिक चिकित्सक डा राकेश कुमार, अधिवक्ता बीएन गुप्त, आनन्द खत्री, घनश्याम शर्मा, संजय सांवरा व अरुण गंवार ने श्रेष्ठ 10 बच्चों को चयनित किया। चयनित बच्चे तेजल, लवली, युवराज, अविचल, दिव्यांश, उमंग, पूजा, मिष्ठी, अविशी व पारूल को विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया। शेष 46 बच्चों को भी सहभागिता पुरस्कार प्रदान किये गये।
इस मौके पर भजन गायक राम प्रसाद को स्व. बिहारी लाल मौर्य पुरस्कार से सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों ने अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन साहित्य भूषण कमलेश मौर्य मृदु ने किया। रामनरेश पुजारी, अवधूत मौर्य, खुशी राम मौर्य, रमेश चन्द्र मुन्ना, रमेश चंद, मुन्ना सेठ ने बैज लगाकर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान अरबाब अहमद, ओम प्रकाश वर्मा, राजाराम जायसवाल, अनिल मौर्य, दीपू मौर्य, दीपू चौहान सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। आरती व प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

आधुनिक तकनीक से करायें प्रचार, बिजनेस बढ़ाने पर करें विचार
हमारे न्यूज पोर्टल पर करायें सस्ते दर पर प्रचार प्रसार।

 JAUNPUR NEWS: Hindu Jagran Manch serious about love jihad

Job: Correspondents are needed at these places of Jaunpur

600 बीमारी का एक ही दवा RENATUS NOVA

Previous articleविश्व हिन्दू परिषद का स्थापना दिवस मना
Next articleसंस्कार भारती जौनपुर ने किया 35वां बाल गोकुलम कार्यक्रम